The smart Trick of पारद शिवलिंग कहा मिलता है That Nobody is Discussing

महाशिवरात्रि पर जानिए शिव पार्वती विवाह की रोचक बातें

ज्या घरात पारद शिवलिंग असेल तेथे धन धान्य, आरोग्य ,पद प्रतिष्ठा , सुख , भरभराटीचे असते.

पारद  शिवलिंग भगवान शिव शंकर जी का एक चमत्कारी शिवलिंग होता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार इसे घर पर या अपने कार्यालय मे रखने से धन मे वृद्धि होती है, समाज मे पद-प्रतिष्ठा बढ़ती है और साथ ही जीवन में अपार खुशिया आती है ।

शिव पुराण में कहा गया है कि जो लोग पारद शिवलिंग अपने घर में रखते हैं, उनके घर में देवी लक्ष्मी, भगवान शिव और भगवान कुबेर स्थायी रूप से निवास करते हैं। पारद शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है क्योंकि पारद शिवलिंग की पूजा का प्रभाव किसी अन्य शिवलिंग की पूजा से एक हजार करोड़ गुना अधिक होता है। ऐसी भी मान्यता है कि इनकी पूजा करने से ब्लड प्रेशर, अस्थमा जैसी बीमारियों में भी राहत मिलती है।

पारद शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद, सिंदूर, चंदन, आदी न चढ़ाएं।

हिन्दू धर्म में पारद शिवलिंग शुभ होती है। check here शिवलिंग की पूजा करने से अधिक लाभ होता है। जीवन में सभी प्रकार की खुशियां प्राप्त होती है। करियर में सफलता प्राप्त होती है। परिवार में सुख शांति आती है और घर धन- धान्य से बना रहता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या भी दूर होती हैं। जैसे अस्थमा और हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी दूर होती है। यह जीवन की सभी परेशानियां समाप्त कर देता है। इसलिए पारद शिवलिंग अत्यधिक लाभदायक है।

ग्रह दोष निवारण: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

पारदेश्वर पदे साक्षात् पूर्ण सौभाग्यनुते ।।   (महर्षि याज्ञवल्क्य) 

श्रेष्ठा बुद्धिर्भवेत्तस्य कृपया शङ्करस्य च!!

क्या घर में पारद शिवलिंग रखना सुरक्षित होता है?

पारद शिवलिंग को अभिमंत्रित करा कर लेने के फायदे :

स्फटिक शिवलिंग की उपस्थिति से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है।

पं. शर्मा के अनुसार घर में हाथ के अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। जहां शिवलिंग रखा हो, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोज सुबह-शाम शिवलिंग के पास दीपक जलाएं। भोग लगाएं। घर में क्लेश न करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें।

उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।

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